नमस्कार दोस्तों हमारे वेबसाइट पर आप लोगों का बहुत-बहुत स्वागत है मेरा नाम राहुल तिवारी है आज के इस पोस्ट में हम आप लोगों को समाज के एक ऐसे कुरीति के बारे में जानकारी प्रदान करने वाले हैं जो कि समाज के लिए एक अभिशाप बना हुआ है प्राचीन समय से ही यह प्रथा हमारे समाज में लागू है लेकिन आधुनिक युग में यह प्रथा समाज के लिए एक जहर बन चुका है जो कि समाज से हटाना बहुत जरूरी हो गया है लेकिन इसकी जड़ें समाज में इतनी गहराई तक पहुंच चुके हैं कि इस को हटाना इतना आसान भी नहीं है आज हम बात करने वाले हैं दहेज के बारे में जिसे अंग्रेजी मे dawry कहा जाता है तथा इस शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के दायज से उत्पन्न हुई है आपकी जानकारी के लिए मैं बताना चाहता हूं कि दहेज शब्द उर्दू शब्द से भी बनाया गया है जिसमें जहेज नाम से दहेज शब्द की उत्पत्ति हुई है और यह प्राचीन काल से भारत में बहुत ही अच्छे तरीके से विद्यमान है पुराने जमाने में जब बड़े बड़े राजा महाराजा होते थे तो वह अपनी बेटियों के विवाह में तमाम धन दौलत दान दे दिया करते थे जिसका अर्थ उपहार होता है अतः दहेज का अर्थ उपहार से लगाया जाता है लेकिन यह दहेज प्राचीन समय में कोई भी बलपूर्वक किया जबरदस्ती या सौदेबाजी नहीं की जाती थी यह स्वेच्छा पूर्वक दान दिया जाता था जो कि लड़की के विवाह के समय उसके पिता देते थे लेकिन आधुनिक युग में यह दहेज प्रथा काफी ज्यादा समाज के लिए जहरीला बन चुका है क्योंकि आधुनिक युग में लोग दहेज को एक व्यापार समझते हैं और शादी करने के लिए तमाम दहेज की मांग करते हैं और मजबूरन लड़की के पिता को विवश होकर तमाम धन देना पड़ जाता है और कभी-कभी तमाम हालात में ऐसा भी देखा गया है कि यदि बेटी के पिता के पास दौलत नहीं होती है तो उसे काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और ऐसी परिस्थिति में कर्ज भी लेना पड़ जाता है जिसके कारण शादी के पश्चात पिता काफी बड़े कर्ज में डूब जाता है और उसकी जिंदगी क़र्ज़ को भरते भरते नष्ट हो जाती है इसलिए आधुनिक युग में दहेज प्रथा की समस्या काफी ज्यादा गंभीर होती जा रही है और इसका समाधान अब तक कोई भी सटीक तरीके से नहीं निकल पा रहा हैअतः आज के इस पोस्ट में हम आप लोगों को दहेज प्रथा से जुड़े हुए अनेक सवाल जैसे दहेज प्रथा क्या है ?तथा दहेज प्रथा के क्या कारण हैं ?और दहेज प्रथा के निवारण के उपाय और इसके समस्याएं क्या-क्या है? इसके बारे में यहां पर आपको पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी अतः यदि आप दहेज प्रथा के बारे में तमाम जानकारी को प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे वेबसाइट के साथ बने रहे और पोस्ट को पूरा पढ़ें
दहेज प्रथा की परिभाषा Definition of dowry system
वह दौलत जो किसी लड़की का पिता अपनी लड़की की शादी के समय लड़के पक्ष वाले को सकता है या अपनी लड़की को जिस धन के साथ अपने घर से विदा करता है उसे दहेज कहा जाता है हालांकि आम बोलचाल की भाषा में इसे दहेज भी कहा जाता है तथा दयाज भी कहा जाता हैपुराने जमाने में इसका अर्थ उपहार से लगाया जाता था जो कि लड़की का पिता प्रसन्न होकर अपनी मर्जी के द्वारा दान करता था लेकिन आधुनिक युग में दहेज एक समाज विरोधी संस्था बन चुकी है जिसके कारण सामाजिक एकता को काफी ज्यादा ठेस पहुंचती है क्योंकि आधुनिक युग में दहेज एक सौदेबाजी बन चुकी है लोग अपने बेटे की शादी के लिए बड़ी-बड़ी दहेज की मांग करते हैं जैसे कार नगद पैसे बड़ी-बड़ी गाड़ियां इत्यादि मांग करते हैं जो कि एक सौदेबाजी बन चुकी है और मजबूर होकर लड़की के बाप को वह धन देना पड़ता है इसलिए आधुनिक युग में इसे उपहार ना कह कर दहेज कहा जाता है तमाम पढ़े लिखे लोगों ने इसे हटाने का काफी प्रयत्न किया है और सरकार भी इस पर कड़ा कानून बना रखी है लेकिन फिर भी यह समाज के लिए किस प्रकार से घातक हो गई है और इससे क्या-क्या समस्याएं उत्पन्न होती हैं तथा यह समाज से क्यों नहीं हट रही है इसके बारे में यहां पर आपको पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी
दहेज प्रथा समाप्त ना होने के कारण dahej pratha samapt na hone ke karan
दहेज प्रथा हमारे देश में प्राचीन समय से काफी ज्यादा तेजी से चलता आ रहा है क्योंकि आप लोगों को ही मालूम होगा कि पुराने जमाने में भी राजा महाराजा जब भी अपनी बेटी या बहन का विवाह करते थे तो उनके साथ तमाम दहेज और स्वर्ण आभूषण तथा उपहार देकर उन्हें विदा करते थे ताकि उन्हें किसी प्रकार की परेशानी उत्पन्न ना हो और यह उपहार समझ कर लड़की से शादी करने वाले राजा को प्रदान की जाती थी और बड़े ही प्रेम पूर्वक उनके राज्य में भिजवा दिया जाता था वहीं पर था आधुनिक युग में समाज के लिए काफी ज्यादा खतरनाक साबित हो चुका है और इसके द्वारा समाज में बहुत ही जहर फैल चुका है इस कारण से तमाम घर उजड़ जाते हैं और यहां तक कि दहेज के कारण लोग लड़कियों को भी जला देते हैं और जान से भी मार देते हैं इस प्रकार की तमाम समस्याएं दहेज प्रथा के कारण उत्पन्न हो रही हैं दहेज प्रथा के समाप्त न होने के अनेक प्रकार के कारण हैं जो कि हम आपको यहां पर अपने पोस्ट के माध्यम से आप लोगों को बताने वाले हैं कि दहेज प्रथा भारत में क्यों नहीं समाप्त हो रही है और इसे बढ़ावा कौन-कौन से तथ्य दे रहे हैं

1-पारंपरिक रीति रिवाज Paramparik reeti rivaj
पारंपरिक रीति रिवाज दहेज प्रथा समाप्त ना होने का एक कारण बन चुका है क्योंकि पारंपरिक रीति-रिवाजों के मुताबिक यह कहा जाता है कि जब भी किसी जाति का व्यक्ति अपनी बेटी अध्ययन का विवाह करता है तो वह अपने से ऊंचे खानदान की तलाश करता है और अपने से ऊंचे खानदान में वह अपनी बहन और बेटी का शादी करना उचित समझता है जिसके कारण संबंधों का मेलजोल बराबर ना होने के कारण अधिक ध्यान देना पड़ता है और लड़के पक्ष के लोग अधिक धन की मांग करते हैं जिससे मजबूर होकर लड़की पक्ष वालों को चुकाना होता है इस कारण से पारंपरिक रीति रिवाज के माध्यम से शादी करने के बाद दहेज प्रथा को बढ़ावा मिलता है
2-लड़कियों की अशिक्षा Uneducated lady
भारत में अब भी तमाम ऐसे जगह और गांव है जहां पर लोग लड़कियों को पढ़ाना उचित नहीं समझते हैं और उन्हें अनपढ़ ही रहने देते हैं जिसके कारण दहेज प्रथा को काफी ज्यादा बढ़ावा मिलता है और इस कारण से दहेज प्रथा अनेक प्रयासों के बावजूद भी समाप्त नहीं हो रही है आपकी जानकारी के लिए मैं बताना चाहता हूं कि भारत में तमाम ऐसे लोग अशिक्षित गांव में बसे हुए हैं जो कि अपने लड़कियों को पढ़ाना उचित नहीं समझते हैं और उन्हें ऐसा लगता है कि लड़कियां पढ़ नहीं सकती हैं और उन्हें नहीं पढ़ाना चाहिए क्योंकि उन्हें आगे चलकर चूल्हा चौका संभालना है इसलिए उन्हें ज्यादा पढ़ाना ठीक नहीं होगा ऐसी परिस्थिति में जब लड़की अशिक्षित होती है तो शादी करते वक्त जब आप कहीं शादी करने जाते हैं तो लड़की शैक्षिक योग्यता जाने के बाद आप से काफी ज्यादा धन की मांग की जाती है और लड़की शादी करने के लिए काफी ज्यादा धन दौलत देना पड़ता है क्योंकि यदि लड़का शिक्षित है को मजबूर हो कर देना पड़ता है
3-बढ़ती हुई महंगाई Badhti hui mahgai
दहेज प्रथा समाप्त न होने के मुख्य कारण में बढ़ती हुई महंगाई को सम्मिलित किया जाता है क्योंकि जब भी किसी की शादी की जाती है तो शादी विवाह में काफी पैसे खर्च करने होते हैं जिसके कारण लोग भारी भरकम धन की मांग करते हैं क्योंकि तमाम लोग ऐसे होते हैं जो कि पैसे ना हो पाने के कारण हुए इस तरह की मांग करते हैं कि उन्हें अपने पास से पैसे न लगाना पड़े और शादी का खर्च सब कुछ लड़की वाले को देना पड़े इस प्रकार से बढ़ती हुई महंगाई भी दहेज प्रथा के समाप्त न होने का एक मुख्य कारण बन चुका है
4-लड़कियों की उच्च जन्म दर Ladkiyon ki ucch janmdar
भारत में कुछ प्रदेश ऐसे हैं जहां पर लड़कियों की जन्म दर काफी ज्यादा है जिसके कारण शादी के लिए काफी ज्यादा दहेज देना पड़ता है और इस कारण से दहेज प्रथा समाप्त नहीं हो रही है आपकी जानकारी के लिए बताना चाहता हूं कि भारत में यूपी और बिहार तथा पंजाब और बंगाल जैसे तमाम राज्य ऐसे हैं जहां पर लड़कियों की जन्म दर काफी ज्यादा है जिसके कारण लड़कों की संख्या कम होने के कारण दहेज की समस्या जन्म लेती है और ऐसी परिस्थिति में दहेज का समाप्त होना नामुमकिन हो जाता है
दहेज प्रथा से होने वाली समस्याएं Problum of dawry sistam
दहेज प्रथा से होने वाली समस्याओं के बारे में बताने वाले हैं जैसा कि आप लोगों को मालूम होगा कि दहेज प्रथा भारतीय समाज के लिए एक जहर बन चुका है जो कि आने वाले समय में भी समाप्त होता हुआ नजर नहीं आ रहा है हालांकि सरकार द्वारा कड़े कानून बनाए गए हैं इसके लिए लेकिन यह समाज से बिल्कुल भी हटने का नाम नहीं ले रहा है अतः आज के इस पोस्ट में आप लोगों को दहेज प्रथा से होने वाली तमाम समस्याओं के बारे में आपको जानकारी मिलेगी तथा उन समस्याओं से किस प्रकार से समाधान पाया जा सकता है इसके बारे में भी यहां पर पूरी जानकारी प्रदान की जाएगी दहेज प्रथा से होने वाली समस्याएं निम्नलिखित हैं
1-ऊंच-नीच की भावना unch neech ki bhawna
दहेज प्रथा की सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि ऊंच-नीच की भावना ऐसे जन्म ले लेती है क्योंकि जब भी कोई व्यक्ति अपने से ऊंचे कुल में अपनी लड़की की शादी करता है और अच्छी दहेज नहीं दे पाता है तो उस व्यक्ति को नीचे दृष्टि से देखा जाता है और उसकी इज्जत नहीं की जाती है इस प्रकार की कुछ समस्या समाज में जन्म ले लेती है जो कि समाज के लिए काफी ज्यादा घातक साबित होती है मुझे नहीं इसकी भावना बिल्कुल भी किसी मनुष्य को नहीं रखनी चाहिए क्योंकि ईश्वर ने सभी इंसान को एक बनाया है और इस संसार में रहकर व्यक्ति ऊंच-नीच की भावना को निर्मित करता है जिसके कारण तमाम समस्याएं जन्म लेती हैं अतः दहेज प्रथा की सबसे बड़ी समस्या ऊंच-नीच की भावना होती है
2-महिलाओं की दयनीय दशा Mahilaon ki dayneey dasha
दहेज प्रथा के द्वारा महिलाओं की दयनीय दशा देखी जाती है क्योंकि जब भी किसी लड़की की शादी होती है और उसका पिता कुछ रकम देने के लिए तैयार हो जाता है और नहीं दे पाता है उसके बाद में उसके घर वाले महिलाओं को प्रताड़ित करते हैं और उससे पैसे की मांग करते हैं ठीक उसी प्रकार की समस्या आज भी आधुनिक युग में भी हो रही है हालांकि इस प्रकार की समस्याएं सभी समाज में नहीं है लेकिन कुछ समाज ऐसे हैं जहां पर यह समस्या देखी जाती है और महिलाओं को बुरी तरह से प्रताड़ित किया जाता है ताकि वह अपने पिता से धन की मांग कर सकें
3-लड़कियों के विवाह में परेशानी Ladkiyon ke vivah me pareshani
कभी-कभी कुछ मामलों में ऐसा भी देखा जाता है कि जहां पर लड़कियों का जन्म दर ज्यादा होता है वहां पर दहेज की समस्या काफी ज्यादा होती है और यदि कोई लड़की गरीब परिवार में जन्म ले लेती है तो उसकी शादी नहीं हो पाती है और वह अपने घर में अपने मां-बाप के घर पर ही पड़ी रहती है जिसके कारण लड़कियों का जीवन भी बर्बाद हो जाता है और ऐसी परिस्थिति दहेज प्रथा के कारण उत्पन्न होती है और इसके कारण लड़कियों को काफी ज्यादा परेशानी का सामना उठाना पड़ता है तथा दहेज प्रथा की समस्या की वजह से उसके मां-बाप अपनी बेटियों का शादी नहीं कर पाते हैं
4-महिलाओं के कैरियर पर बुरा प्रभाव Mahilaon ke carrer per bura prabhaw
दहेज प्रथा के द्वारा महिलाओं का कैरियर खराब हो जाता है और उनकी कैरियर पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है क्योंकि जब दहेज के कारण किसी महिला को प्रताड़ित किया जाता है या उसे कष्ट दिया जाता है तो ऐसी परिस्थिति में यदि कोई महिला अपने मन से कोई कार्य करना चाहती है या आगे बढ़ना चाहती है तो उसे अपना जीवन सुधारने का मौका नहीं मिल पाता है क्योंकि उसके घर वालों के द्वारा उसे इतना ज्यादा प्रताड़ित किया जाता है कि उसे घर से भी नहीं निकलने दिया जाता है ऐसी परिस्थिति में वह महिला का जीवन बर्बाद हो जाता है तथा उसकी कैरियर खराब हो जाती है और कभी-कभी कुछ मामलों में ऐसा भी होता है कि लड़कियों की हत्या भी कर दी जाती है और कुछ मामलों में ऐसा होता है कि उन्हें बुरी तरह से प्रताड़ित करके उनका शोषण किया जाता है
दहेज प्रथा के समस्याओं से समाधान Dahej pratha ke samasyaon se samadhan
दहेज प्रथा हमारे जीवन में बहुत बड़ा अभिशाप बन चुका है जिसके कारण लोग इन समस्याओं से निपटने के लिए तमाम अच्छे विचारों को पेश कर रहे हैं तमाम विद्वानों और तमाम पढ़े लिखे लोगों ने अपने विचारों के द्वारा किताबों में भी लिखा है जिसके द्वारा यह बताया गया है कि दहेज प्रथा बहुत बड़ी सामाजिक कुरीति है जिस कुरीति को समाप्त कर देना आवश्यक है अतः इस समय सिर्फ समाज के द्वारा ही नहीं बल्कि सरकार के द्वारा भी यह काफी तरह से दबाव दिया जा रहा है और जोर दिया जा रहा है कि दहेज प्रथा समाप्त हो और इन समस्याओं से छुटकारा मिल सके लेकिन यह भी समाप्त होते हुए नजर नहीं आ रहा है लेकिन आपकी जानकारी के लिए मैं बताना चाहता हूं कि दहेज प्रथा के समाधान के लिए समाज और सरकार ने कितने प्रयास किए हैं जिसके बारे में आपको भी एक बार अवश्य ध्यान देना चाहिए
1-लड़कियों की शिक्षा पर जोर Ladkiyon ki siksha per jor
प्राचीन काल में यह कहा जाता था कि लड़कियों को शिक्षित होना कोई आवश्यक नहीं है ऐसा सोच कर उनकी कोई कदर नहीं होती थी और उन्हें समाज में कोई जगह नहीं मिल पाती थी जिसके कारण लड़कियां सिर्फ चूल्हा चौका के ही काम करने लायक होती थी लेकिन आधुनिक युग में सरकार ने तथा समाज ने पूरी तरह से लड़कियों की छूट दे दी है कि वह भी पढ़ लिखकर अपनी जीवन समाज सकें और अपने करियर को सुधार सके इस प्रकार की तमाम योजनाएं सरकार के द्वारा उपलब्ध कराई गई है जिनके द्वारा बड़ी आसानी से लड़कियां स्कूल में जाकर पढ़ सकती हैं और पढ़ लिखकर डॉक्टर इंजीनियर वकील इत्यादि कोई भी नौकरी कर सकती हैं जिससे उन्हें अपनी जीवन चलाने में कोई भी कठिनाई ना हो क्योंकि पुराने जमाने की लड़कियां अपने पति के ऊपर आश्रित होती थी जिसके कारण उन्हें काफी ज्यादा प्रताड़ित करता था और परेशान करता था लेकिन जब लड़कियां शिक्षित होंगे तो वह अपने जीवन को चलाने के लिए सक्षम होंगे और अपना अच्छा बुरा भला सब कुछ समझ सकेंगे जिसके बावजूद दहेज प्रथा का रिवाज कम होना स्वाभाविक हो गया है
2-सरकारी कानून Sarkari kanoon
दहेज प्रथा पर सरकार ने कुछ ऐसे कानून और कायदे बनाए हैं जिनके तहत यदि कोई दहेज लेते हुए पकड़ा जाता है या देते हुए पकड़ा जाता है तो दोनों पक्ष को कड़ी से कड़ी सजा सुनाई जा सकती हैं इसलिए इन अपराधों के खिलाफ काफी बड़ा एक्शन उठाया गया है और इस कारण से दहेज प्रथा पर काफी रोक लगा है लेकिन फिर भी यह नहीं कहा जा सकता कि समाज में दहेज प्रथा समाप्त हो चुकी है क्योंकि दहेज प्रथा उसे कहा जाता है जो कि जबरदस्ती धन वसूला जाए लेकिन तमाम समाज में इसे अभी प्रेम पूर्वक उपहार के रूप में दिया जाता है और लड़का पक्ष के लोग उसे प्रेम पूर्वक स्वीकार करते हैं ऐसी परिस्थिति में इसे दहेज प्रथा नहीं कहा जा सकता है अतः सरकार द्वारा तमाम ऐसे कानून बनाए गए हैं जिसके तहत यदि कोई पकड़ा जाता है तो उसे कड़ी से कड़ी सजा सुनाई जा सकती है इसलिए दहेज प्रथा के रिवाज पर कुछ प्रतिबंध लगा है
3-समानता की भावना Samanta ki bhawna
समानता की भावना के द्वारा भी दहेज प्रथा पर काफी प्रतिबंध लगाया जा सकता है जैसा कि आप लोगों को मालूम होगा कि हमारे समाज में पुराने जमाने में लोग लड़कियों को सिर्फ घर का कामकाज संभालने के लिए ही माना जाता था और पुरुष बाहर का कामकाज संभालते थे तथा प्रत्येक कार्य में पुरुष जागे रहते थे लेकिन आधुनिक युग में लड़की और लड़कियों को समान अधिकार दिए गए हैं जो कि सरकार द्वारा यह अधिकार प्रदान किए गए हैं कि लड़की किसी भी मामले में आगे हो सकती है और ऐसी परिस्थिति में समान अधिकार प्रदान किए जाने के बाद लड़कियां इंजीनियर डॉक्टर वकील और यहां तक कि राष्ट्रपति प्रधानमंत्री और अनेक पदवी को प्राप्त करती है तथा अपने पदवी को संभालते हुए अपना नाम रोशन करते हैं उसी प्रकार से समानता की भावना होने के बाद दहेज प्रथा पर काफी ज्यादा प्रतिबंध लगाया जा सकता है क्योंकि जब लड़की और लड़के समान अधिकार में होंगे तो वह एक दूसरे के प्रति मदद की भावना उत्पन्न होगी जिसके कारण दहेज प्रथा की समाप्ति स्वभाविक हो सकती है
निष्कर्ष conclusion
दहेज प्रथा के बारे में आप लोगों ने हमारे इस पोस्ट में पड़ा कि दहेज प्रथा समाज के लिए एक ऐसी समस्या है जो कि काफी ज्यादा हमारे समाज को तोड़ती हुई नजर आ रही है और इस प्रकार से संपूर्ण पोस्ट पढ़ने के पश्चात यह निष्कर्ष निकलता है कि दहेज प्रथा को हमें अपने जीवन में बिल्कुल भी नहीं लाना चाहिए बल्कि दहेज प्रथा का कड़ा विरोध करना चाहिए और यह शिक्षा के द्वारा संभव हो सकता है क्योंकि जब आपके अंदर शैक्षिक योग्यता होगी तो आप पुरानी कुरीतियों को भूल सकते हैं और दहेज प्रथा की समस्या से निपटारा पाया जा सकता है दहेज प्रथा के अनेक प्रकार के कारण होते हैं जो कि आप लोगों ने पोस्ट में पड़ा है उन कारणों में बढ़ती हुई महंगाई लड़कियों की शिक्षा और पारंपरिक रीति रिवाज मुख्य कारण में शामिल हैं इसके अलावा दहेज प्रथा से होने वाली समस्याओं के समाधान के लिए आपको सरकारी कानून के द्वारा बनाए गए कुछ कानून है जिनका पालन करना अत्यंत आवश्यक है और पढ़े लिखे समाज का स्थापना करना दहेज प्रथा को समाप्त कर सकता है
डिस्क्लेमर disclemer
यह पोस्ट लिखने का मुख्य आशय सिर्फ सार्वजनिक जानकारी है या पोस्ट हमने अपनी जानकारी और एक्सपीरियंस के माध्यम से लिखा है अतः यदि इसमें कोई दिखाई देती है तो आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं अपनी गलतियों को सुधारने का प्रयत्न करूंगा
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