
निर्धनता की परिभाषा definition of poverty
जब कोई व्यक्ति धन या पैसों के अभाव में अपने पर आश्रित व्यक्तियों की भोजन कपड़ा तथा रहने के लिए घर व बच्चों की पढ़ाई लिखाई के लिए उचित व्यवस्था नहीं कर पाता है तो उसे निर्धनता कहा जाता है। साधारण शब्दों में से गरीबी के नाम से भी जाना जाता है।
इस प्रकार से ₹37 ग्रामीण इलाकों में तथा ₹47 शहरी इलाकों में प्रतिदिन की आय वाले व्यक्तियों को गरीबी रेखा के नीचे रखा जाता है। गरीबी के कारण व्यक्ति अपनी अभीष्ट आवश्यकताओं को पूर्ति नहीं कर पाता है ऐसी परिस्थिति को निर्धनता का नाम दिया जाता है।
भारत में निर्धनता के कारण causes of poverty in india
भारत में निर्धनता शब्द बहुत ही व्यापक हो जाता है क्योंकि भारत की जनसंख्या का लगभग 29% हिस्सा गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहा है परंतु कुछ शोध में इसे गलत साबित किया जा रहा है और 21% जनसंख्या गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रही है इस गरीबी का मुख्य कारण क्या है।
1-जनसंख्या वृद्धि inhabitants development
भारत में जनसंख्या काफी तेजी से बढ़ रहा है जिसके कारण उन्हें खाने के लिए अनाज रहने के लिए मकान तथा शरीर ढकने के लिए कपड़े की आवश्यकता काफी ज्यादा बढ़ जाती है और साथ ही साथ उनके अनेक आवश्यकताओं की पूर्ति की मात्रा में बढ़ोतरी हो जाती है। इस प्रकार से जनसंख्या वृद्धि भारत में निर्धनता का एक मुख्य कारण माना जाता है।
2-काला धन black cash
काला धन को आप लोग बहुत अच्छी तरह से समझते होंगे क्योंकि हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काला धन को समाप्त करने के लिए अनेक प्रकार के कानूनों को पारित किया परंतु फिर भी काला धन समाप्त नहीं हो पाया है। अभी हाल ही में आपने कानपुर में काला धन किस प्रकार से दिखाई दिया है जिससे आप भली-भांति अंदाजा लगा सकते हैं कि काला धन किस प्रकार से लोगों की गरीबी का कारण बना हुआ है। भारत में कुछ ऐसे व्यक्ति भी हैं जो नियम कानूनों के विरुद्ध कार्य करके धन को एकत्रित करके घर में रख लेते हैं जिसे काला धन कहां जाता है अच्छा यह देश के विकास में बाधक बना हुआ है।
3-बेरोजगारी Unemployment
भारत में बेरोजगारी एक व्यापक समस्या बनी हुई है। जब कोई व्यक्ति अपनी योग्यता अनुसार चाहते हुए भी नौकरी या कोई कार्य नहीं मिल पाता है जिससे वह अपना जीवन निर्वाह कर सकें तो उसे बेरोजगारी कहा जाता है अतः वह मजबूर होकर घर में पड़ा रहता है परंतु उसे खाने के लिए भोजन पहनने के लिए वस्त्र तथा रहने के लिए घर मकान इत्यादि की आवश्यकता अवश्य होती है। अतः धन के अभाव में वह इन आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अनेक कठिनाइयों का सामना करता है जिसे निर्धनता कहा जाता है अतः भारत में बेरोजगारी के कारण निर्धनता की समस्या बनी हुई है।
4-व्यक्ति की परंपरागत सोच conventional pondering of the person
भारत के अधिकतर लोग अपनी परंपरागत सोच के आधार पर कार्य करते हैं जो निर्धनता का एक मुख्य कारण होता है। आपने देखा होगा कि अधिकतर बनिया लोग दुकानें करते हैं तथा यादव जाति के लोग गाय भैंस पालते हैं इस प्रकार से प्रत्येक व्यक्ति अपनी परंपरागत सोच के अनुसार गरीबी के गर्त में गिरता चला जाता है जो निर्धनता का एक मुख्य कारण होता है।
5- अंधविश्वास blind religion
भारत में तमाम व्यक्ति कैसे होते हैं जो ढोंगी पुजारी के बातों पर यकीन करके अनेक प्रकार की ढोंग के द्वारा भारी भरकम रकम ठग लेते हैं जिसके परिणाम स्वरूप निर्धनता की समस्या का जन्म हो जाता है। क्योंकि जब कोई मजबूर व्यक्ति किसी ढोंगी पुजारी सोखा के पास अपनी समस्या लेकर जाता है तो वह उस मजबूर व्यक्ति से भारी-भरकम रकम की मांग करते हैं जिसके कारण अंधविश्वास भारत में निर्धनता का प्रमुख कारण बना हुआ है।
6-कृषि पर निर्भरता Dependence on agriculture
भारत में कृषि एक मुख्य व्यवसाय बना हुआ है। भारत की लगभग 70% जनसंख्या कृषि पर निर्भर है जो कृषि से अपना जीवन यापन कर पाती है। अतः किसी में अत्यधिक लागत होती है तथा मानसून या प्राकृतिक आपदा की वजह से फसल नष्ट हो जाती है या फसलों की पैदावार में कमी आ जाती है जिसके कारण किसान की आय में वृद्धि नहीं हो पाती है और यह निर्धनता का एक प्रमुख कारण है।
निर्धनता के दुष्प्रभाव results of poverty
निर्धनता के कारण अनेक प्रकार की समस्याएं जन्म ले लेते हैं। जब व्यक्ति के पास पैसे की समस्या उत्पन्न हो जाती है तो वह अपनी अभीष्ट आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम नहीं हो पाता है और वह अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अपने पेट पालने के लिए अपराधिक प्रवृत्ति की शुरुआत कर देता है।
सामाजिक अपराध-निर्धनता के कारण समाज में अपराध करने लग जाते हैं व्यक्ति पैसे के लिए एक दूसरे का कत्ल कर देते हैं और पैसे छीन लेते हैं।अतः साधारण अर्थों में आप यह कह सकते हैं कि निर्धनता के कारण व्यक्ति की मानसिक प्रवृत्ति अपराध में परिवर्तित हो जाती है और वह चोरी डकैती लूटमार का पैसा बना लेता है। जो समाज के विकास के लिए अत्यधिक घातक माना जाता है।
जीवन यापन में समस्या-निर्धनता के कारण व्यक्ति अपने जीवन यापन करने में सक्षम नहीं हो पाता है क्योंकि आधुनिक युग में पैसे का महत्व इतना ज्यादा बढ़ गया है कि कोई भी व्यक्ति बिना किसी स्वार्थ के किसी भी व्यक्ति को एक खुराक भोजन देने के लिए तैयार नहीं है अतः निर्धन व्यक्ति को अपना जीवन यापन करने के लिए अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
भिक्षावृत्ति– जब किसी व्यक्ति को अपने योग्य रोजगार नहीं मिल पाता है तो वह अपना पेट पालने के लिए भिक्षावृत्ति का सहारा ले लेता भिक्षावृत्ति का सहारा ले लेता है आपने स्पष्ट रूप से देखा होगा की बसों और ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर तथा चौक और चौराहे पर सैकड़ों लोग भीख मांगते हुए दिखाई देते हैं। यह निर्धनता का ही कारण है।
पारिवारिक विघटन – धन के अभाव में व्यक्ति अपने ही घर परिवार के साथ गैर भाव कर लेता है जिसके कारण परिवार में विघटन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है और इसी कारण से धीरे-धीरे संयुक्त परिवार की मात्रा कम होती जा रही है और एकल परिवार बढ़ता जा रहा है अतः निर्धनता के परिणाम स्वरूप पारिवारिक विघटन हो रहा है।
वेश्यावृत्ति– निर्धनता के कारण चंद पैसों के अभाव में वेश्यावृत्ति का अपराध समाज में जन्म ले लेता है जो समाज के लिए बहुत ही घातक साबित होता है। चंद पैसों के लिए औरते अपना जिस्म को बेच देती है।
आत्महत्या-निर्धनता के कारण प्रत्येक व्यक्ति अपराध पर उतारू नहीं हो सकता अतः कुछ व्यक्ति ऐसे भी होते हैं जो खुदकुशी करने पर मजबूर हो जाते हैं क्योंकि पैसे के बिना उनकी जिंदगी एक बोझ सी लगने लग जाती है। वह अपने बच्चों को भूख से बिलखते हुए नहीं देख पाते हैं तथा आत्मसम्मान के लिए किसी से भीख भी नहीं मांग पाते हैं अतः मजबूर होकर वह आत्महत्या कर लेते हैं।
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निर्धनता को दूर करने के लिए सरकार के द्वारा किए जाने वाले प्रयास Efforts made by the federal government to take away poverty
निर्धनता भारत में बड़ी मजबूती से अपना पैर जमाए हुए है जो देश के विकास में बाधक बना हुआ है अतः इसे समाप्त करना सरकार की भी जिम्मेदारी बनती है इसलिए सरकार ने अनेक प्रकार के प्रयास किए हैं ताकि इस समस्या से देश को आजादी मिल सके और भारत एक विकसित राष्ट्र की कतार में खड़ा हो सके। अतः भारत सरकार द्वारा निर्धनता को दूर करने के लिए अनेक प्रकार की योजनाओं का संचालन किया गया है जो निम्नलिखित है।
1-मनरेगा योजना-भारत में गरीब व्यक्तियों की आय को बढ़ाने के लिए सरकार ने मनरेगा योजना का संचालन किया ताकि गरीब और बेरोजगार बंधुओं को रोजगार मिल सके और उनकी आय में बढ़ोतरी हो जिससे निर्धनता की समस्या से जूझ रहे लोगों को मदद मिल सके। मनरेगा योजना के अंतर्गत ग्रामीण समाज में रहने वाले लोगों को साल में 165 दिन काम दिया जाता है जो काफी लाभकारी सिद्ध हुआ है।
2-फ्री शिक्षा-सरकार के द्वारा सरकारी स्कूलों में बिना फीस के गरीब बच्चों को पढ़ाया जाता है तथा उनके लिए भोजन और यूनिफॉर्म की व्यवस्था सरकार के द्वारा किया जाता है ताकि निर्धन व्यक्तियों के ऊपर आय का दबाव न पड़े और गरीब लोगों के बच्चे भी पढ़ लिख कर एक उच्च शिक्षा प्राप्त करके आत्मनिर्भर बन सकें तथा अपने परिवार को निर्धनता के गर्त से निकालने में सक्षम हो सकें।
3- हरित क्रांति-इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले किसानों को नई किस्म के बीजों को तथा रासायनिक उर्वरकों के द्वारा कृषि करने के लिए प्रेरित किया गया है ताकि उनकी पैदावार में वृद्धि हो सके जिससे खाने के लिए अनाज पर्याप्त हो सके और उनकी आय में वृद्धि हो सके। हरित क्रांति योजना के अंतर्गत गरीब किसानों को खेत में लागत लगाने के लिए सरकार ने लोन की व्यवस्था की है ताकि अपने खेतों में अच्छी लागत लगाकर अच्छा पैदावार ले सकें।
4-राशन कार्ड योजना-भारत में सरकार के द्वारा राशन कार्ड योजना काफी ज्यादा प्रभावी होती हुई दिखाई दे रही है। इस योजना के अंतर्गत सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले व्यक्तियों को प्रति व्यक्ति 5 किलो गेहूं या चावल दिया जाता है ताकि उन्हें खाने की समस्या ना हो। अतः सरकार ने इस योजना के अंतर्गत गेहूं या चावल मात्र ₹2 किलो प्रदान करती है जो सरकारी डीलरों के पास प्रति महीना उपलब्ध कराया जाता है।
निष्कर्ष conclusion
संपूर्ण पोस्ट पढ़ने के पश्चात यह निष्कर्ष निकलता है कि निर्धनता धन के अभाव को कहा जाता है। निर्धनता समाज के लिए एक बहुत बड़ा अभिशाप है जिसके फल स्वरुप समाज में अनेक प्रकार के अपराधिक प्रवृत्ति जन्म ले लेते हैं जिसका वर्णन हमने इस पोस्ट में पड़ा है। निर्धनता को दूर करने के लिए सरकार अनेक प्रयासों में लगी हुई है परंतु अभी तक कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिल पाया है जिसके कारण भारत अभी भी विकासशील देशों की कतार में आता है। भारत में निर्धनता पूरी तरह से पैर जमाए हुए हैं जिसके अनेक कारण ही है। भारत में कुछ व्यक्तियों के पास इतने अधिक पैसे हैं जिनका वह सही इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं और कुछ व्यक्ति ऐसे भी हैं जिन्हें खाने के लिए रोटी नसीब नहीं होती है अतः इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए सरकार को कोई ठोस कदम उठाना चाहिए ताकि निर्धनता की समस्या से छुटकारा पा सके और हमारा देश एक विकसित देश की कतार में खड़ा हो सके।
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