विकास का अर्थ परिभाषा व विशेषताएं Vikas Ka Arth Paribhasha Va Visheshtaen In Hindi.rstbox

नमस्कार दोस्तों कैसे हो आप लोग आपका हमारे वेबसाइट पर बहुत-बहुत स्वागत है। आज मैं समाज से जुड़ी हुई एक प्रश्न लेकर आपके सामने उपस्थित हो हूं जो कि है विकास किसे कहते हैं? तथा विकास का क्या अर्थ होता है? और इसकी परिभाषा क्या है। विकास शब्द का अर्थ बहुत ही विस्तृत होता है अतः इसे एक सामान्य बात समझने की प्रयत्न ना करें। इस संसार में जो कुछ भी दिखाई देता है और नहीं दिखाई देता है अर्थात जो कुछ भी इस संसार में मूर्त और अमूर्त है उनका विकास अवश्य होता है। जब किसी भी व्यक्ति वस्तु का बदलाव सही दिशा में य एक अनुकूल दिशा में होता है तो उसे विकास कहा जाता है। आप लोगों को विकास शब्द का अर्थ क्या होता है यह हम बहुत विस्तार से बताने वाले हैं आता यह विद्यार्थियों के लिए तथा समाज में रहने वाले लोगों के लिए बहुत ही आवश्यक है क्योंकि आजकल तो भैया नेता लोग अनेक दावे करते हैं दावे में विकास शब्द का इस्तेमाल जरूर करते हैं अतः विकास शब्द के अर्थ को जानना बहुत ही आवश्यक है तमाम जनता भी विकास शब्द का इस्तेमाल करती है कहती है कि इस नेता के समय में विकास नहीं हुआ। नेता लोग कहते हैं हमें वोट दो हम विकास करेंगे। इस प्रकार से अनेक जगहों पर विकास शब्द का इस्तेमाल किया जाता है अतः आइए जानते हैं विकास का अर्थ क्या होता है।

विकास का अर्थ that means of growth

आप लोग अपने समाज में विकास शब्द का इस्तेमाल जरूर करते होंगे तथा दूसरे लोगों के मुंह से भी विकास शब्द का अनेक अनेक रूपों में सुनते होंगे अतः विकास को अंग्रेजी में growth भी कहा जाता है। विकास का अर्थ होता है उन्नति ,बढ़ोतरी, प्रगति या संपन्नता।विकास शब्द के कितने अर्थ के पश्चात आप लोग भलीभांति समझ गए होंगे कि विकास शब्द का क्या अर्थ होता है। सरल शब्दों में यह कहा जा सकता है कि इस संसार में जब किसी वस्तु में आचरण विचार तथा बुद्धि में पहले की अपेक्षा कार्य करने की अधिक संपन्नता और गुणवत्ता आ जाती है तो उसे विकास कहा जाता है।

विकास की परिभाषा definition of of growth

जब किसी व्यक्ति वस्तु या समाज मै पहले की अपेक्षा कार्य करने की क्षमता और गुणवत्ता काफी ज्यादा बढ़ जाती है तो उसे विकास कहा जाता है। सरल शब्दों में यह कहा जाता है कि इस संसार में हमें जो कुछ भी दिखाई देता है अथवा नहीं दिखाई देता है उन सभी में एक अनुकूल परिस्थिति में बदलाव होता है तो उसे विकास कहा जाता है। यह बदलाव उस मनुष्य तथा समाज को आगे बढ़ने के लिए और अधिक सरल और मजबूत बना देता है जिसके कारण इनमें आशातीत वृद्धि होने लग जाती है अतः इस प्रकार से होने वाली वृद्धि को ही विकास कहा जाता है। विकास एक व्यापक शब्द है जो संपूर्ण प्राणी पशु पक्षी तथा पेड़ पौधे और व्यवस्था तथा समाज में जब अपनी ख्याति को बढ़ाने की संपन्नता आ जाती है तो उसे विकास कहा जाता है।

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विकास की कुछ प्रमुख विशेषताएं Some salient options of growth

विकास को और अधिक अच्छी प्रकार से समझने के लिए इसकी कुछ विशेषताओं को समझना आवश्यक है जिनके द्वारा आपके समझ में आ जाएगा कि विकास मैं अपनी कौन-कौन सी खासियत होती है जिसके कारण यह इतना ज्यादा चर्चित होता है। विकास शब्द का चर्चा हमारे समाज में जगह दे जगह होता रहता है विकास एक ऐसा शब्द है जिसका हमारे जीवन में बहुत ही ज्यादा उपयोगिता है। तो आइए जानते हैं विकास की कुछ प्रमुख विशेषताएं कौन-कौन सी हैं।

1-विकास एक निरंतर प्रक्रिया

विकास एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है जो किसी भी क्षेत्र में चाहे वह सामाजिक क्षेत्र हो चाहे राजनीतिक क्षेत्र हो चाहे मनुष्य का विकास हो चाहे किसी भी जीव का विकास हो विकास की प्रक्रिया जीवन पर्यंत चलती रहती है। चीज कभी समाप्त नहीं होती है। उदाहरण के लिए मान लीजिए कि ग्रामीण क्षेत्रों के लोग यह मानते हैं कि दिल्ली का विकास बहुत ज्यादा हो चुका है। परंतु दिल्ली वालों से पूछो तो वह यही कहेंगे कि यहां पर विकास होना आवश्यक है। विकास ही कोई निश्चित आयु नहीं होती है।

2-निश्चित सीमा नहीं होती है

विकास की कोई निश्चित दशा नहीं होती है अतः किसी क्षेत्र में समान विकास होना संभव नहीं है इसलिए किसी का विकास बहुत तेजी से हो जाता है और किसी का विकास धीरे-धीरे होता है उदाहरण के लिए मान लीजिए किसी बच्चे का विकास बहुत जल्दी होने लग जाता है उसकी बुद्धि और शरीर बहुत जल्द ही तीव्र हो जाती है परंतु कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं जिनका विकास होने में काफी समय लगता है उनकी ज्यादा उम्र हो जाने के बावजूद भी उनके मस्तिष्क और शरीर का विकास ज्यादा मात्रा में नहीं हो पाता है।

3-विकास क्रमबद्ध होता है

विकास क्रमबद्ध होता है जो सीढ़ी की तरह होता है। जिसका सीढ़ी पर चढ़ने के लिए नीचे से ऊपर की तरफ क्रमबद्ध तरीके से जाना पड़ता है उसी प्रकार विकास क्रमबद्ध तरीके से होता है ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता है कि कोई भी व्यक्ति आज बाल्यावस्था में है तो कल बुढ़ापा में हो जाएगा। कोई भी पेड़ पौधा है तो आज आप ने लगाया है तो कल उसमें फल आ जाएंगे। इस प्रकार से प्रत्येक जीव की एक क्रमबद्ध तरीके से विकास होता है। जैसे मनुष्य का विकास पहले गर्भावस्था, बाल्यावस्था फिर किशोरावस्था फिर  युवावस्था और वृद्धावस्था की तरफ बढ़ता है। उसी प्रकार किसी भी पौधे को उगाने के लिए पहले उसके बीज को रोपना पड़ता है। उसके पश्चात अंकुरित होता है कुछ दिन बाद उसमें पत्ते आते हैं तथा समय के अनुसार उस में फूल आते हैं तत्पश्चात फल लगते हैं और उसके पश्चात वे फल 1 दिन पक जाते हैं।

विकास के प्रकार varieties of growth

विकास एक ऐसी प्रक्रिया है जो संपूर्ण जगत में किसी न किसी रूप में दिखाई देती रहती है अतः विकास के प्रकार को समझने के लिए हमारे पोस्ट को ध्यान से पढ़ें। विकास के प्रकार को समझने के लिए हम इसे अलग-अलग रूपों में प्रदर्शित करेंगे।

  • शारीरिक विकास bodily growth
  • मानसिक विकास psychological growth
  • सामाजिक विकास social growth
  • आर्थिक विकास Financial Improvement
  • नैतिक विकास ethical growth
  • राजनीतिक विकास political growth

1-शारीरिक विकास bodily growth

हमारे समाज में जितने भी जो दिखाई देते हैं उनका किसी न किसी रूप में तथा किसी न किसी क्रम में उनका विकास अवश्य होता है सभी जीवो का एक शरीर होता है जो अलग-अलग रूप में आपको दिखाई देता है अतः सजीव वस्तुओं का शारीरिक विकास होता रहता है उदाहरण के लिए आप मान लीजिए मनुष्य मछली मेंढक चिड़िया इत्यादि जितने भी जीव तथा पेड़ पौधे पशु पक्षी आपको दिखाई देते हैं इनका किसी ना किसी रूप में इनके शरीर का विकास दिखाई देता है आप देख सकते हैं कि कोई भी पक्षी पहले अंडा देता है उसके बाद उस में से चूजे निकलते हैं उसके बाद एक छोटा सा बच्चा निकलता है जो क्रमबद्ध तरीके से बढ़ता हुआ एक ना एक दिन वह अपने माता पिता के समान शरीर का हो जाता है और उनकी तरह उड़ने लग जाता है। सजीव को विस्तार से पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।

2-मानसिक विकास psychological growth

मानसिक विकास का तात्पर्य मस्तिष्क में होने वाले वृद्धि तथा गुणवत्ता से लगाया जाता है।अतः मानसिक विकास सभी जीवो में नहीं होता है। कुछ चुने हुए जीव होते हैं जिनमें मस्तिस्क पाया जाता है। जैसे-मनुष्य, कुत्ता बंदर गाय भैंस ऊंट तोता मैना इत्यादि तमाम ऐसे जंतु है जिनमें मस्तिष्क पाया जाता है और इनमें मानसिक विकास संभव होता है।

3-सामाजिक विकास social growth

प्रत्येक व्यक्ति समाज में रहता है अतः व्यक्ति का सामाजिक विकास होना बहुत ही आवश्यक होता है। जब कोई व्यक्ति समाज में रहते हुए समाज में अपनी मान्यता बहुत ज्यादा हासिल कर लेता है अर्थात जब कोई व्यक्ति समाज में अपनी प्रसिद्धि को बढ़ाता है जब प्रत्येक लोग उसके बारे में चर्चा करने लग जाएं तो उसे सामाजिक विकास कहा जाता है। सामाजिक विकास का महत्त्व सिर्फ मनुष्य जीवन में होता है अन्य जीवों में सामाजिक विकास का कोई महत्व नहीं होता है। समाज में रहकर हम अपनी सभ्यता और संस्कृति कुछ सीखते हैं तथा अपने बुजुर्गों के द्वारा बताए गए रीति-रिवाजों तथा धर्मों का पालन करते हैं जिसे सांस्कृतिक विकास कहा जाता है।संस्कृति विकास पूर्ण रूप से सामाजिक विकास के ऊपर निर्भर होता है।

4-आर्थिक विकास financial growth

प्रत्येक व्यक्ति को अपना जीवन यापन करने के लिए धन की आवश्यकता होती है।अतः मानव जीवन के लिए किसी ना किसी रूप में अर्थ की बहुत ज्यादा आवश्कता होती है।क्योंकि अर्थ के द्वारा मनुष्य जीवन में अनेक सुखो को प्राप्त किया जा सकता है।मनुष्य जीवन में आर्थिक विकास बहुत ही महत्व रहता है।मनुष्य के अलावा किसी अन्य जीव को धन की कोई आवश्यकता नहीं होती है।इसलिए सिर्फ मनुष्य जीवन में ही धन या आर्थिक विकास संभव होता है।

5-नैतिक विकास morel dovlopment

नैतिक विकास मानसिक विकास का ही एक अंग माना जाता है।जब तक मस्तिष्क विकसित नहीं होगा तब तक किसी का भी नैतिक विकास संभव नहीं है  नैतिक विकास का तात्पर्य अच्छी आदतों से है जिसके द्वारा हम अपने जीवन का रहन-सहन खानपान बोलने का तरीका बैठने उठने का तरीका को अच्छी तरह समझते हैं यह अधिकतर बच्चों में शुरुआत में कम होता है तथा उम्र के साथ-साथ यह समझ बढ़ने लग जाती है। जिसे नैतिक विकास कहा जाता है। नैतिक विकास सिर्फ मनुष्य में होता है क्योंकि यह और जीवन में संभव नहीं है क्योंकि मानव जीवन में ही अच्छी आदतों को था अच्छी भावनाओं का महत्व है अन्य किसी जीवन में भी इसका महत्व नहीं है।

6-राजनीतिक विकास politics growth

आजकल आपने देखा होगा कि नेता लोग अपना प्रभुत्व बढ़ने के लिए अनेक प्रकार के दावे करते हैं। परंतु परिणाम यह होता है कि जिस नेता का कार्य और व्यवहार अच्छा होता है और जनता की पसंद का होता है 5 सालों के बाद उसी की सरकार बनती है। अतः इसी प्रकार जब कोई व्यक्ति एक से बढ़कर एक पद जनता के माध्यम से प्राप्त करता रहता है तथा अपना संपूर्ण जीवन जनता की भलाई तथा अपने देश की भलाई कार्यो में लगाता है तो उसे राजनीतिक विकास कहा जाता है। राजनीति के मामले में हम बहुत ज्यादा जानकारी तो नहीं रखते परंतु इतना अवश्य जानते हैं कि जो नेता अपने राजनीतिक कार्य में वृद्धि को प्राप्त को करता है उस वृद्धि को राजनीतिक विकास कहा जाता है।

निष्कर्ष conclusion

संपूर्ण पोस्ट पढ़ने के पश्चात यह पता लगता है विकास शब्द एक व्यापक शब्द है जो संपूर्ण जगत के लिए प्रायोग किया जाता है। संपूर्ण जगत ने हमें जितने भी जीव दिखाई देते हैं उनका शारीरिक विकास संभव होता है। शारीरिक विकास के साथ-साथ तमाम जीवो में मानसिक विकास भी होता है परंतु सामाजिक संस्कृतिक और आर्थिक विकास सिर्फ मनुष्य जीवन में ही संभव होता है अन्य जिओ में इसका कोई महत्व नहीं है। विकास शब्द पहले से अधिक सक्षम और प्रसिद्धि का प्रतीक है जिसके द्वारा यह प्रमाणित किया जाता है कि यह व्यक्ति समृद्धि और प्रगति की आगे बढ़ रहा है।विकास निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। जो जीवन पर्यंत चलता है।

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